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धनिया की पंजीरी बनाने की विधि|Dhaniya ki Panjiri Recipe in Hindi

धनिया पंजीरी (Panjiri Recipe in Hindi) जन्माष्टमी के खास मौके पर बनायी और खायी जाती है, क्योकि इस त्यौहार में फलाहार व्रत रखने वाले इसे ही खाकर व्रत का समापन करते हैं। धनिया पंजीरी को आप कभी भी खा सकते हैं क्योंकि यह पौष्टिक और स्वादिष्ट होती है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद आता है। इसमें ड्राई फ्रूट भी डाला जाता है जिससे यह हेल्दी तथा ऊर्जा से भरपूर होती है। इस लेख में, हम आपको धनिया पंजीरी रेसिपी के सरल और स्वादिष्ट तरीके के बारे में बताएंगे।

तैयारी का समय
10 मिनट
बनाने का समय
10 मिनट
कुल समय
20 मिनट
सर्विंग
2

और देखें- इस त्यौहार पर बनायें मगज रेसिपी

पंजीरी बनाने की सामग्री|Panjiri Recipe in Hindi

सामग्री मात्रा
धनिया 2 कप
चीनी/गुड़ 1 कप
देशी घी 1/4 कप
मूंगफली 1/4 कप
काजू 1/4 कप
चिरौंजी 1/4 कप
खोपरा (कद्दूकस किया हुआ) 1/4 कप
किशमिस 1/4 कप
मगज 1/4 कप
बदाम 1/4 कप

जन्माष्टमी पर पंजीरी बनाने की विधि|Panjiri Prasad recipe in hindi

और देखिये- घर पर केक बनाने का आसान तरीका

सुझाव

  1. आप धनिया पंजीरी के अलावा मूंगदाल, आटा जैसे विभिन्न प्रकार की पंजीरी बना सकते हैं।
  2. धनिया पंजीरी में चीनी की जगह गुड़ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. पंजीरी बनाते समय शुगर पाउडर का ही इस्तेमाल करें।
  4. पंजीरी में अपनी पसंद के अनुसार ड्राई फ्रूट का उपयोग कर सकते हैं।
  5. पंजीरी में इलाइची और दालचीनी के गोंद का द्रव्य भी दाल सकते हैं जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जायेगा।

धनिया पंजीरी के फायदे|Punjabi Panjiri Recipe

निष्कर्ष

यह Panjiri Recipe in Hindi आपको ताजगी प्रदान करती है, साथ ही इसमें मौजूद चीनी और धनिया से आपको ऊर्जा भी मिलती है। इसे सौंफ या तिल के साथ सेवन करने से और भी स्वाद में चार चाँद लग जाते हैं। तो आज ही यह आसान और स्वादिष्ट धनिया पंजीरी बनाकर त्यौहार की खुशियों को बढ़ाएं। यह रेसिपी आपको कैसी लगी Comment करके जरूर बताएं।

FAQ

पंजीरी में क्या क्या सामान डालता है?
  1. धनिया
  2. चीनी/गुड़
  3. देशी घी
  4. काजू
  5. चिरौंजी
  6. खोपरा
  7. किशमिस
  8. मगज
  9. बदाम
  10. सौंफ
जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी क्यों बनाई जाती है?

जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी बनाई जाती है क्योंकि यह पौष्टिक और सत्त्वशाली होती है, इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण द्वारा यह सन्देश दिया गया की वर्षा ऋतु में अनेक बीमारियां फैलने का डर होता है, जैसे वात रोग, पित्त रोग, कफ रोग और संक्रमण। इसे खाने से से बीमारियों का खतरा काम हो जायेगा।

कृष्ण भगवान का प्रिय भोग क्या है?

कृष्ण भगवान का प्रिय भोग माखन और मिश्री है। भगवान श्रीकृष्ण को “माखनचोर” भी कहा जाता है, क्योंकि उन्हें माखन खाना बहुत पसंद था। व्रजवासिनी गोपियां उन्हें मिश्री के साथ आनंदित करने के लिए उपहार के रूप में प्रस्तुत करती थीं।

जन्माष्टमी में क्या प्रसाद चढ़ाएं?

जन्माष्टमी में कृष्ण भगवान को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रसाद चढ़ाए जा सकते हैं। जैसे माखन, मिश्री, फल, पाग, छाछ, दही, शक्करपारे और पन्जीरी आदि।

जन्माष्टमी में पानी कब पीना चाहिए?

जन्माष्टमी में, भगवान कृष्ण के जन्म के अवसर पर व्रती अनुयायियों को “नीलकंठ व्रत” के रूप में जाना जाता है, जिसमें व्रती रात्रि में ब्रजवासियों की भांति जल का त्याग करते हैं। इसे रात में, कृष्णा जन्म समय के अनुसार, खोला जाता है।

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